हताशा मे डूबी

हताशा मे डूबी माँ के

आंसू जब औलाद पोंछती है..!!
हर कर्ज अदा हो जाता है..ममता धन्य

हो जाती है..!!

अपने हाथों से

किसी और की नीव पर बना मकान जाने कब गिर जाये, उसकी मजबूती का भरोसा तो तब होता है , जब बुनियाद में हर ईंट अपने हाथों से रखी हो..

मगरूर हो जाते

मगरूर हो जाते है,अक्सर, ज़माने में
वही लोग…!
जिन्हें मिलता है ज़्यादा उनकी “औकात”
से…!!