अकेले करना पड़ता हैं सफ़र जहाँ में कामयाबी के लिए..
काफिला और दोस्त,अक्सर कामयाबी के बाद ही बनते हैं..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अकेले करना पड़ता हैं सफ़र जहाँ में कामयाबी के लिए..
काफिला और दोस्त,अक्सर कामयाबी के बाद ही बनते हैं..
आज भी प्यारी है मुझे तेरी हर निशानी ….
फिर चाहे वो दिल का दर्द हो या आँखो
का पानी ….
नींद आखो में होने से तो न रात होगी,
रवायत तो ये हे की ख्वाबो में उनसे मुलाकात होगी
यूँ नहीं, मिलते हैं यार यार से
दे मुझे, प्यार का जवाब प्यार से….
बदनाम कर रहा हे ये शहर मुझे तेरा नाम लेकर ..
एक तुझसे महोब्बत ना होती तो आग लगा देते पुरे शहर मे
दिल में रहते थे जो नजरों से उतर गए रिश्ते जैसे काँच के टुकड़े, ठेस लगी और टूट गए।
कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गयी,
आओ कहीं शराब पियें रात हो गयी !!
आदमी परखने की, ये भी एक निशानी है…
गुफ़्तगु बता देती है, कि कौन खानदानी है…
ऐसा डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में,
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं!
कुछ तो रिश्ता तेरा भी हैं कुछ तो रिश्ता मेरा भी हैं
तू आराम से सो जाती है। मैं हर रात बेचैन सा रहता हूँ…… ❗❗