याद ही नहीं रहता कि लोग
छोड़ जाते हैं.
आगे देख रहा था, कोई पीछे से चला गया|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
याद ही नहीं रहता कि लोग
छोड़ जाते हैं.
आगे देख रहा था, कोई पीछे से चला गया|
तेरा आधे मन से मुझको मिलने आना,
खुदा कसम मुझे पूरा तोड़ देता है…
चलो तोड़ते हैं आज मोहब्बत के सारे के उसूल अपने,अब से बेवफाई और दगाबाज़ी दोनों हम करेंगे!
आँसु बहा-बहा कर भी होते नहीं हैं कम….!!
कितनी अमीर होती हैं, आँखें ग़रीब की….!!!
उसकी जब मर्जी होती है वो हम से बात करती हैं.
पर हमारा पागलपन तो देखो
हम फिर भी पूरा दिन
उसकी मर्जी का इंतजार करते हैं|
लगता है..
इस बरस मोहब्बत हो ही जायेगी मुझे..
मेने ख्वाबो में खुद को मरते हुए देखा है..
सितारों की फसलें उगा ना सका कोई
मेरी ज़मीं पे कितने ही आसमान रहे
करवट बदलने का क्या फायदा,
इस तरफ भी तुम, उस तरफ भी तुम
अजीब बात है वो एक सी खताओं पर
किसी को कैद किसी को रिहाई देता है|
तेरी हालत से लगता है तेरा अपना था कोई….!!
“इतनी सिद्दत से बरबाद कोई गैर नहीं करता..!!