कौन कहता है कि ‘पैसा’
सब कुछ खरीद सकता है. . .
दम है तो टूटे हुए ‘विश्वास’ को
खरीदकर दिखाईये…!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कौन कहता है कि ‘पैसा’
सब कुछ खरीद सकता है. . .
दम है तो टूटे हुए ‘विश्वास’ को
खरीदकर दिखाईये…!!!
जग रहे हो किसी के लिए..
.. या किसी के लिए सोये नहीं ?
धड़कने गूजती है सीने में ,
इतने सुनसान हो गए हैं हम..!!!
कभी किसी के चेहरे को मत देखो
बल्कि उसके मन को देखो
क्योंकि
अगर सफ़ेद रंग में वफ़ा होती
तो नमक जख्मो की दवा होती।
जो रूप आपको अच्छा लगे वो अपना लें…
हमारी शख्सियत कांटा भी है, गुलाब भी है |
आज फिर वो मुझ पर एक कर्ज चढ़ा गया..
वो गरीब कुछ न मिलने, पर भी दुआ दे गया ….
अच्छा दहेज न दे सका मैँ, बस इसीलिए ;
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दुनिया के जितने ऐब थे,
मेरी बेटी मे आ गए….!!
#लाचारपिता
कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की महफिलों से,
तो हमें आवाज़ दे देना…हम आज भी अकेले रहते है ॥
बात छोटी है पर विचारणीय है…
जिस धागे की गांठ खुल सकती हो,
उस पर कैची मत चलाओ…!
कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की महफिलों से,
तो हमें आवाज़ दे देना…हम आज भी अकेले रहते है ॥