कितने कमज़ोर है यह गुब्बारे, चंद सासों में फूल जाते है,
बस ज़रा सी बुलंदिया पाकर, अपनी औकात भूल जाते है…
Tag: जिंदगी शायरी
कबड्डी पूरी तरह से
कबड्डी पूरी तरह से भारतीय खेल है।
कैसे?
इसमें सब लोग एक साथ मिलकर एक ऐसे आदमी को
नीचे गिराने में लगे रहते हैं, जो बेचारा कुछ करने आगे
आया है।
स्वर्ग में सब कुछ है
स्वर्ग में सब कुछ है लेकिन मौत नहीं है,
गीता में सब कुछ है लेकिन झूठ नहीं है,
दुनिया में सब कुछ है लेकिन किसी को सुकून नहीं है,
और
आज के इंसान मे सब कुछ है लेकिन सब्र नहीं…………..,किसी ने क्या खूब कहा ना खुशी खरीद पाता हू ना ही गम बेच पाता हू फिर भी मै ना जाने क्यू हर रोज कमाने जाता हू …
ना ढूंढ मेरा किरदार
ना ढूंढ मेरा किरदार दुनिया के हुजूम में,
“वफ़ादार तो हमेशा तनहा ही मिलते हे….
मिलाते हो उसी को खाक में
मिलाते हो उसी को खाक में, जो दिल से मिलता है
मेरी जां चाहने वाला, बड़ी मुश्किल से मिलता है
Milaate ho usi ko khaak mein, jo dil se milata hai
Meri jaan chaahane wala, badi mushkil se milta hai
डूबा हो जब अन्धेरे में
डूबा हो जब अन्धेरे में हम साए का मकान
अपने मकां में शमा जलाना गुनाह है
एक रूपया एक लाख नहीं होता
एक रूपया एक लाख नहीं होता ,
मगर फिर भी एक रूपया एक लाख से निकल जाये तो वो लाख भी लाख नहीं रहता
हम आपके लाखों दोस्तों में बस वही एक रूपया हैं …
संभाल के रखनT , बाकी सब मोह माया है
लकीरें भी बड़ी अजीब होती हैं
लकीरें भी बड़ी अजीब होती हैं——
माथे पर खिंच जाएँ तो किस्मत बना देती हैं
जमीन पर खिंच जाएँ तो सरहदें बना देती हैं
खाल पर खिंच जाएँ तो खून ही निकाल देती हैं
और रिश्तों पर खिंच जाएँ तो दीवार बना देती हैं..
बस के कंडक्टर सी
बस के कंडक्टर सी हो गयी है
जिंदगी ।
सफ़र भी रोज़ का है और
जाना भी कही नहीं।…..
नींद और मौत में क्या फर्क है
नींद और मौत में क्या फर्क है…?
किसी ने क्या खूबसूरत जवाब दिया है….
“नींद आधी मौत है”
और
“मौत मुकम्मल नींद है”