शौक से तोड़ो दिल मेरा मुझे क्या परवाह,
तुम ही तो रहते हो इसमे, अपना ही घर ऊजाड़ोगे”.
Tag: जिंदगी शायरी
मुद्दत के बाद
मुद्दत के बाद उसने जो आवाज़ दी मुझे,
कदमों की क्या बिसात थी, सांसें ठहर गयीं…!!!
वक़्त लगा था
वक़्त लगा था..पर संभल गया…
क्यों कि….
मैं ठोकरों से गिरा था किसी की नज़रों से नहीं…!!
ऐ खुदा इश्क़
ऐ खुदा इश्क़ में दोनों को मुकम्मल कर दे
उसे दीवाना बना दे….. मुझे पागल कर दे
जिदंगी में कभी
जिदंगी में कभी किसी बुरे दिन से रूबरू हो जाओ,
तो इतना हौंसला जरुर रखना की दिन बुरा था जिंदगी नहीं…!!!
चाँद का मिजाज़
चाँद का मिजाज़ भी तेरे जैसा है..
जब देखने की तमन्ना हो, नज़र नहीं आता..
कहाँ मांग ली
कहाँ मांग ली थी कायनात जो इतनी मुश्किल हुई ए-खुदा..
सिसकते हुए शब्दों में बस एक शख्स ही तो मांगा था..!
ज़िंदगी में बस
ज़िंदगी में बस दो गलतियां कर दी..
खुशियाँ नशे के नाम,
और उदासी होश के नाम कर दी।
Agar Chahiye Meri
agar chahiye meri
dua to mera dil dukhaiye..
ठंड
कोई नहीं मरता ठंड के कारण
मरते हैं लोग सरकारी फंड के कारण
नेताजी खा जाते हैं कंबल वाला फंड
बदनाम हो जाती है दिसंबर वाळी ठंड