खत की खुशबु बता रही है….
लिखते वख्त उनके बाल खुले थे…
Tag: जिंदगी शायरी
जरुरी नहीं की
जरुरी नहीं की काम से ही इंसान थक जाए
फ़िक्र…धोके.. फरेब भी थका देते है इंसान को… जिंदगी में मेरे दोस्त ..
पतझड़ को भी
पतझड़ को भी तू फुर्सत से देखा कर ऐ दिल,
बिखरे हुए हर पत्ते की अपनी अलग कहानी है।
परछाई बनने मे नही है..!!
जो आनंद अपनी
छोटी पहचान बनाने मे है,
वो किसी बड़े की
परछाई बनने मे नही है..!!
मकड़ी भी नहीं फँसती
मकड़ी भी नहीं फँसती, अपने बनाये जालों में।
जितना आदमी उलझा है, अपने बुने ख़यालों में…।।
बेहिसाब हसरतें न पालिये
बेहिसाब हसरतें न पालिये.
जो मिला है उसे संभालिये..!
कितना भी समेट लो..
कितना भी समेट लो..
हाथों से फिसलता ज़रूर है..
ये वक्त है साहब..बदलता ज़रूर है…
कुछ लोग दिखावे की
कुछ लोग दिखावे की, फ़क़त शान रखते हैं,
तलवार रखें या न रखें, म्यान रखते है!
तेरी चाहत तो
तेरी चाहत तो मुक़द्दर है, मिले न मिले…
राहत ज़रूर मिल जाती है, तुझे अपना सोच कर…
मेरी ख़ामोशी से
मेरी ख़ामोशी से किसी को कोई फर्क नहीं
पड़ता…
और शिकायत में दो लफ्ज़ कह दूँ तो वो चुभ
जातें है…!!!