तू बात करने का मौका तो दे तेरी कसम,
रूला दूंगा तुजे तेरी ही गलतियाँ गिनाते गिनाते…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तू बात करने का मौका तो दे तेरी कसम,
रूला दूंगा तुजे तेरी ही गलतियाँ गिनाते गिनाते…
रात भर तारीफ मैँने की तुम्हारी
चाँद इतना जल गया सुनकर कि सूरज हो गया…..!!
अच्छे थे तो किसी ने हाल तक नहीं पूछा……!! बुरे बनते ही देखा हर तरफ अपने ही चर्चे है….
ज़िन्दगी की हकीकत को बस इतना जाना है..!!.
दर्द में अकेले हैं और ख़ुशी में जमाना है..!!
गगन तेरे लिए हूं मैं जमी मेरे लिए है तू।
हकीकत और ख्वाबों में ख़ुशी मेरे लिए है तू।
जमाना बेरहम है पर हकीकत जान ले ये भी,
बना तेरे लिए हूं मैं बनी मेरे लिए है तू।
बंधी है हाथ पे सब के घड़ियाँ मगर,
पकड़ में एक भी लम्हा नहीं..
वो शायद किसी महंगे खिलौने सी थी…
मैं बेबस बच्चे सा उसे देखता ही रह गया…
मौसम का इशारा है खुश रहने दो बच्चों को
मासूम मोहब्बत है फूलों कि खताओं में…
घरों पे नाम थे
नामों के साथ औहदे थे
बहुत तलाश किया
कोई आदमी न मिला।
प्यार आज भी तुझसे उतना ही है..
बस तुझे “एहसास” नही और हमने भी जताना छोड दिया…