आज कल खुद से बातें करता हूँ ..
ये सोच कर के तुम सुन रही हो..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आज कल खुद से बातें करता हूँ ..
ये सोच कर के तुम सुन रही हो..
सब्र बड़ा ऊँचा हुनर है हरेक को नही आता,
तेरी खामोशियाँ मेरा ये हुनर भी लिए जाती है.
रोकना मेरी हसरत थी और
जाना उसका शौक..
वो शौक पूरा कर गई मेरी
हसरतेँ तोड़ कर.!
हद से बढ़ जाये तालुक तो गम मिलते हैं.. हम इसी वास्ते अब हर शख्स से कम मिलते हँ..
मशहूर होने वाले हो तुम..
मैने भूला दिया है तुम्हे..
झुमके से कह दो गालों को चूमना छोड़ दे।
इश्क रुस्वा हुआ तो कत्ल हजार होंगे।
हाथ की नब्ज़ काट बैठा हूँ,
शायद तुम दिल से निकल जाओ ख़ून के ज़रिये…
मैं आज़ाद हूँ
बस उस लम्हे तक
जब तक तुम्हारा ख़्याल न आये….
माँग रही थी कामवाली
बाई थोड़े ज्यादा पैसे
बहू ने थोड़ा प्यार दिखाकर
अपनी सास को गाँव से बुला लिया…
लौट आया हूँ मैं फिर ख़ामोशी की क़ैद में … !
.तुम्हें दिल से आवाज़ देने की यही सजा हैं मेरी…