एक कोशिश तुझे पाने के लिए
आज अफवाह है ज़माने के लिए
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
एक कोशिश तुझे पाने के लिए
आज अफवाह है ज़माने के लिए
फिर वहीं लौट के जाना होगा
यार ने कैसी रिहाई दी है..!!
तेरे होंटो से मेरे होंट लगे रहे इस क़दर
सिगरेट खुदखुशी कर ले जलन के मारे|
इसी बात ने उसे शक में डाल दिया हो शायद,
इतनी मोहब्बत, उफ्फ…कोई मतलबी ही होगा।।
डर लगता है कहीं अकेला ना हो ज़ाऊ…
इसलिये तेरी याद को साथ लिये चलता हूँ …!
लफ़्ज़ों को कम ना आँका किजिए साहब…
चंद जो इक्कठे हो जाए तो ‘शेर’ हो जाते हैं… !!
तुम कभी कभी गुस्सा कर लिया करो मुझसेयकीन हो जाता है कि अपना तो समझते हो |
दर्द आसानी से कब पहलू बदल कर निकला ,
आँख का तिनका बहुत आँख मसल कर निकला..
दुआ करो मैं कोई रास्ता निकाल सकूँ,
तुम्हे भी देख सकूँ, खुद को भी सम्भाल सकूँ !!
आओ मोहब्बत को महंगाई का नाम दें…
फिर कभी कम न हो, ये दरमियां हमारे….