मुझसे मौत ने पुछा मै आंऊगीं तो कैसे स्वागत करोगे..
कहा मैने फूल बिछा कर पूछूंगा इतनी देर कैसे लगी….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मुझसे मौत ने पुछा मै आंऊगीं तो कैसे स्वागत करोगे..
कहा मैने फूल बिछा कर पूछूंगा इतनी देर कैसे लगी….
वक़्त सबको मिलता है जिंदगी बदलने के लिये पर जिंदगी दोबारा नहीं मिलती वक़्त बदलने के लिये।
वक्त सिखा देता है इंसान को फ़लसफ़ा जिंदगी का
फिर नसीब क्या-लकीर क्या-और तकदीर क्या
बस यही सोचकर मैं शिकवा नहीं करता…!!!
हर कोई तो यहाँ पर वफ़ा नहीं करता….
दर्द का क्या है, जरूरी नहीं चोट लगने पर होता है।
दर्द वहाँ अक्सर दिखता है, जहाँ दिल में अपनापन होता है।।
मुस्कान के सिवा कुछ न लाया कर चेहरे पर..!
मेरी फ़िक्र हार जाती है तेरी मायूसी देखकर..!!
वक़्त की गिरह में बाँध के रख छोड़ा है मैंने,
वो हर लम्हा जो तुम बिन गुज़रता ही नही था…
जिंदगी में सबसे ज्यादा किम्मती चिज होती है साँसे हमने तो वो भी तेरे नाम कर दिया|
नाउम्मीद हो कर इश्क़ करो, क्या पता मुक़म्मल हो जाये!
हम दो किनारे ही बने रहें तो अच्छा है ,
मिल जाएंगे तो दुनिया प्यास से मर जाएगी..!!