नाराजगी चाहे कितनी भी क्यो न हो तुमसे
तुम्हें छोड़ देने का ख्याल हम आज भी नही रखते |
Tag: जिंदगी शायरी
फलसफा सीखना है
फलसफा सीखना है ज़िंदगी का उन परिंदों से,
जो कूड़े में पड़ा गेंहू का दाना ढूंढ लेते हैं।।
कौन कहता है
कौन कहता है ,आंसुओं में वजन नहीं होता l
एक आंसू भी छलक जाता है तो मन हल्का हो जाता |
क्या हो जब इश्क अकेलेपन से
क्या हो जब इश्क अकेलेपन से हो जाए..
साथ होना किसी का या ना होना इक सी बात हो जाए..!!
मौसम को इशारों से
मौसम को इशारों से बुला क्यूँ नहीं लेते
रूठा है अगर वो तो मना क्यूँ नहीं लेते
दीवाना तुम्हारा है कोई ग़ैर नहीं है
मचला भी तो सीने से लगा क्यूँ नहीं लेते
ख़त लिख कर कभी और कभी ख़त को जलाकर
तन्हाई को रंगीन बना क्यूँ नहीं लेते
तुम जाग रहे हो, मुझे अच्छा नहीं लगता
चुपके से मेरी नींद चुरा क्यूँ नहीं लेते|
इस तरह मिली वो मुझे
इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद,
जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद,
मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी,
वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद|
कुछ लोग कहते है
कुछ लोग कहते है की बदल गया हूँ मैं,
उनको ये नहीं पता की संभल गया हूँ मैं,
उदासी आज भी मेरे चेहरे से झलकती है,
पर
अब दर्द में भी मुस्कुराना सीख गया हूँ मैं|
हवा के दोश पे
हवा के दोश पे रक्खे हुए चराग़ हैं हम..जो बुझ गए तो हवा से शिकायतें कैसी
…!!!
थोड़ी सी वफ़ा चाहिए
रिश्ता निभाना मुश्किल नहीं,
बस थोड़ी सी वफ़ा चाहिए|
उठो तो ऐसे उठो
उठो तो ऐसे उठो, फक्र हो बुलंदी को भी..!!
झुको तो ऐसे झुको, बंदगी भी नाज़ करे..!!!