ये शायरी भी

ये शायरी भी दिल बहलाने का एक तरीक़ा है साहब
जिसे हम पा नही सकते उसे अल्फ़ाज़ो में जी लेते है|

ये जान भी

ये जान भी निकलेगी थोड़ा इंतज़ार तो कर

तेरे इश्क़ ने मारा है बचूँगा नहीं|