लोग आँसुओं से भी पढ़ न ले उनका नाम ,
.
बस इसी कशमकश में हमने रोना छोड़ दिया..!!
Tag: जिंदगी शायरी
अगर कसमें सच्ची होती
अगर कसमें सच्ची होती,
तो सबसे पहले खुदा मरता|
बेनाम आरजू की
बेनाम आरजू की वजह ना पूछिये,
कोई अजनबी था, रूह का दर्द बन गया…!
कहने को कुछ नहीं
कहने को कुछ नहीं …आह भी चुप सी घुट रही है सीने में !!
तू मूझे नवाज़ता है
तू मूझे नवाज़ता है, ये तेरा करम है मेरे
मौला
वरना तेरी मेहरबानी के लायक मेरी
इबादत कहाँ|
हर ज़ुबां में
हर ज़ुबां में कह के देख लिया
हाल ए दिल उनसे,
एक ख़ामोशी को भी अब
आज़मां के देखते हैं|
अजब ये है कि
अजब ये है कि मोहब्बत नहीं की अब तक;
ग़ज़ब ये है कि फिर भी शायरी का हुनर रखते हैं…
वो तैरते तैरते डूब गये
वो तैरते तैरते डूब गये, जिन्हे खुद पर गुमान था…
और वो डूबते डूबते भी तर गये.. जिन पर तू मेहरबान था ।
जिन्दगी जीने का मजा
जिन्दगी जीने का मजा तब तक जब तक वो जरा अधूरी रही,
मौका दूसरा हर किसी के मुकद्दर में हो ये जरूरी नहीं।।
अमल से ज़िंदगी
अमल से ज़िंदगी बनती है जन्नत भी जहन्नम भी
ये ख़ाकी अपनी फ़ितरत में न नूरी है न नारी है|