सफेद और काले ने क्या बिसात बिछायी है,,,??
कागज ने कागज से मात खाई है
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सफेद और काले ने क्या बिसात बिछायी है,,,??
कागज ने कागज से मात खाई है
फूल बन जाऊंगा.. शर्त ये है मगर..
अपनी जुल्फों में मुझको सजा लीजिए
सितारे भी जाग रहे हो रात भी सोई नाहो!
ऐ चाँद मुझे वहाँ ले चल जहाँ उसके सिवा कोई ना हो!
मैं शब्दों से कहीं ज्यादा हूँ…
इक बार सृजन करके देखो मुझे…
ज़िन्दगी और ज़िन्दगानी में फ़र्क बूझ पाओगे…
हर एक दर्द को आंसू नहीं मिलते
गमो का भी मुक़्क़दर होता है साहेब|
अनपढ़ बन्दा हूँ मोहतरमा,
तेरे सिवा कुछ आता ही नही…..!!
उङती हुयी धुल सी तुम्हारी
यादें ले आती है पानी आँखो में |
तेरी हसरतें भी ……. आ बसीं आखिर,
मेरी ख्वाहिशों की ……. यतीम कहानी में
शायरी भी एक मीठा जुल्म है,,,
करते रहो या फिर पढ़ते रहो…
तन्हा उठा लूँ मैं भी ज़रा लुत्फ़-ए-गुमरही,,,,,
ऐ रहनुमा मुझे मेंरी क़िस्मत पे छोड़ दे….!!