मोहब्ब्बत के एहसास ने हम दोनों को छुआ था
फर्क सिर्फ इतना था की उसने किया था,औरमुझे हुआ था !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मोहब्ब्बत के एहसास ने हम दोनों को छुआ था
फर्क सिर्फ इतना था की उसने किया था,औरमुझे हुआ था !!
आइना देख के बोले ये संवरने वाले
अब तो बे मौत मरेंगे मेरे मरने वाले |
ज़ुल्म इतना ना कर की लोग कहेँ तुझे दुश्मन मेरा..
हमने ज़माने को तुझे अपनी जान बता रखा है..
मेरी चादर तो छिनी थी शाम की तनहाई में,
बेरिदाई को मेरी फिर दे गया तशहीर कौन…
क़त्ल करने की अदा भी हसीं क़ातिल भी हसीं,
न भी मरना हो तो मर जाने को जी चाहे है…
अपनी जिंदगी से इस कदर नाराज है हम से …
बस साँसे गुजर रही है मौत की तलाश में……
दो बूंद मेरे प्यार की पी ले,
जिन्दगी सारी नशे मे गुज़र जाएगी…
अभी तो साथ चलना है
समंदरों की लहरों मॆं…
किनारे पर ही देखेंगे…
किनारा कौन करता है?
बहुत ही खूबसूरत होती है एक तरफ़ा मोहब्बत
ना ही कोई शिकायत होती है और
ना ही कोई बेवफ़ा कहलाता है|
सोच रहा हूँ कि लिखूं कुछ ऐसा आज जिसे पढ़,
वो रोये भी ना और, रात भर सोये भी ना..