मेरे शहर मे खुदाओं की कमी नही दिक्कत तो मुझे
आज भी इन्सान ढूंढने मे आती है..!!
Tag: जिंदगी शायरी
अपनी बाँहों में
अपनी बाँहों में ले के सोता हूँ,
मैंने तकिये का नाम ‘तुम’ रखा है..
तू है…यादें हैं…
तू है…यादें हैं…और ग़म भी हैं…..
इन सब में…..थोड़े से…हम भी हैं…
लाख कसमें ले लो
लाख कसमें ले लो किसीसे,
छोड़ने वाले छोड़ ही जाते है !!
फिर पलट रही है
फिर पलट रही है बारिशों की सुहानी शामें ,फिर तेरी याद में भीगने के ज़माने आये हैं ..
दिल तो कोई भी
दिल तो कोई भी बहला देता है,हुज़ूर को दिल दुखाने वाले पसंद हैं!
जब से उसने बारिश में
जब से उसने बारिश में भीगना छोड़ दिया,
बादलों ने मेरे शहर में बरसना छोड़ दिया।
सिर्फ इतना उसे बता देना…
सिर्फ इतना उसे बता देना……!
मुझे आता नहीं भुला देना…
इंसान बनने की फुर्सत
इंसान बनने की फुर्सत ही नहीं मिलती,
आदमी मसरूफ है इतना, ख़ुदा बनने में…
अब तो पत्थर भी
अब तो पत्थर भी बचने लगे है मुझसे,
कहते है अब तो ठोकर खाना छोड़ दे !!