ज़िन्दगी में है थोड़ी उंच नीच मगर,
एक मौत है जो यहाँ सबको बराबर बंटी है।
Tag: कविता
मजबूरी का मजाक
किसी की मजबूरी का मजाक ना बनाओ यारों,
ज़िन्दगी कभी मौका देती है तो कभी धोखा भी देती है।
न जाने कब
न जाने कब खर्च हो गये, पता ही न चला,
वो लम्हे, जो छुपाकर रखे थे जीने के लिये।
मिल सके आसानी से
मिल सके आसानी से , उसकी ख्वाहिश किसे है?
ज़िद तो उसकी है … जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं!!
पहले कभी ये यादें
पहले कभी ये यादें ये तनहाई ना थी,
कभी दिल पे मदहोशी छायी ना थी,
जाने क्या असर कर गयीं उसकी बातें,
वरना इस तरह कभी याद किसी की आयी ना थी।
तुझे भूलकर भी
तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम,
बस यही एक वादा निभा पायेगें हम,
मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन,
तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम.
तुम ठीक तो हो ना…
तुम ठीक तो हो ना…आज फिर बायीं आँख फड़क रही है मेरी..
शायर होना भी
शायर होना भी कहाँ आसान है,
बस कुछ लफ़जों मे दिल का अरमान है,
कभी तेरे ख्याल से महक जाती है मेरी गज़ल,
कभी हर शब्द परेशान है….
वो हवा थी
वो हवा थी बहती गई,
मैं बारिश था, ज़मीं में समा गया..
तसव्वुर ख्वाब दरवाज़े..
तसव्वुर ख्वाब दरवाज़े..दरीचे कितने रास्ते हे तुम आओ तो सही