इस शहर में मज़दूर जैसा दर-बदर कोई नहीं..
जिसने सबके घर बनाये उसका घर कोई नहीं..
Tag: Zindagi Shayri
हर बार रिश्तों में
हर बार रिश्तों में और भी मिठास आई है,
जब भी रूठने के बाद तू मेरे पास आई है !!
अब इस से बढ़कर
अब इस से बढ़कर क्या हो विरासत फ़कीर की..
बच्चे को अपनी भीख का कटोरा तो दे गया..
चल पड़ा हूँ
चल पड़ा हूँ मगर दिल से ये चाहता हूँ..
उठ के मुझे वो रोक ले और रास्ता ना दे..
तुझसे मिलता हूँ
तुझसे मिलता हूँ तो सोच में पड़ जाता हूँ..
के वक्त के पाँव में जंजीर पह्नाऊ कैसे..
देर तक सीने पे
देर तक सीने पे मेरे सर रख कर तुम रोई थी..
मेरे बिन क्या जी लोगी…बस इतना ही पूछा था..
उस मोड़ से
उस मोड़ से शुरु करे आ फिर से जिंदगी..
हर शह जहां हसीन थी..और हम तुम अजनबी..
मोहब्बत बेखबर ले बैठेगी
तुमको तो तुम्हारी ये नजर ले बैठेगी
हमको ये मोहब्बत बेखबर ले बैठेगी
ये सगंदिलो की दुनिया है
ये सगंदिलो की दुनिया है,संभलकर चलना गालिब, यहाँ पलकों पर बिठाते है, नजरों से गिराने के लिए…
दिल की हेराफेरी
दिल की हेराफेरी संभलकर कीजिये हुजूर..
अंजाम ऐ मोहब्बत जुर्म बड़ा संगीन होता है