एक वो दिन जब लाखों गम और काल पड़ा है आंसू का,
एक वो दिन जब एक जरा सी बात पे नदियां बहती थीं।
Tag: Zindagi Shayri
कभी खो लिया
कभी खो लिया
कभी पा लिया
कभी रो लिया
कभी गा लिया
कभी छीन लेती है हर ख़ुशी
कभी मेहरबान बेहिसाब है।
ये जो ज़िन्दगी की
ये जो ज़िन्दगी की किताब है
ये किताब भी क्या किताब है
कभी इक हसीं सा ख्वाब है
कभी जानलेवा अज़ाब है।
ऐ ग़ालिब तू शोर न कर….
ऐ ग़ालिब तू शोर न कर….
रजामंद तुझे भी किया जायेगा….
फरमाईस बता तेरी क्या है
पैमाने-जाम तुझे भी दिया जायेगा……..
ईश्वर जिन्हे खून के रिश्ते में
ईश्वर जिन्हे खून के रिश्ते में बाँधना भूलजाता है उन्हें दोस्त बना देता है ……..
दरख्ते नीम हूँ मैं
दरख्ते नीम हूँ मैं, मेरे नाम से घबराहट तो होगी …
छाँव ठंडी ही दूँगा, बेशक पत्तों में कडवाहट तो होगी ….
जिंदगी पर बस
जिंदगी पर बस इतना ही लिख पाया हूँ मैं…
बहुत मजबूत रिश्ते थे मेरे,,,
पर बहुत कमजोर लोगों से…
कहीं धब्बा न लग जाये
कहीं धब्बा न लग जाये तेरी बंदानवाजी पर, मुझे भी देख मुद्दत से तेरी महफिल में रहते है।
हज़ार दर्द हों सीने में
हज़ार दर्द हों सीने में फिर भी हँस देना
सभी के बस का ये कमाल थोड़ी है
दामन की सिलवटो पे
दामन की सिलवटो पे बड़ा नाज़ है हमें घर से निकल रहे थे कि बच्चा लिपट गया