ये मशवरा है कि पत्थर बना के रख दिल को
ये आईना ही रहा तो जरूर टूटेगा
Tag: Zindagi Shayri
दिल दुखाती थी
दिल दुखाती थी जो पहले अब रास आने लगी है
अब उदासी रफ़्ता-रफ़्ता दिल को भाने लगी है…!!
ये चार दिवारें कमबख्त..
ये चार दिवारें कमबख्त….
खुद को घर समझ बैठीं हैं ….
ज़िन्दगी क्या है
ज़िन्दगी क्या है जानने के लिए
ज़िंदा रहना बहुत ज़रूरी है
न जाने किस हुनर को
न जाने किस हुनर को शायरी कहते हो तुम,
हम तो वो लिखते हैं जो तुम्हें कह नहीं पाते।
ज़रा ज़रा सी बात पर
ज़रा ज़रा सी बात पर,
तकरार करने लगे हो…
लगता है मुझसे बेइंतिहा,
प्यार करने लगे हो…
समझनी है जिंदगी
समझनी है जिंदगी
तो पीछे देखो,
जीनी है जिंदगी को
तो आगे देखो …..!!
तुम फिर आ गये
तुम फिर आ गये मेरी शायरी में…क्या करूँ…
न मुझसे शायरी दूर जाती है न मेरी शायरी से तुम..
तुम सावन का महीना
तुम सावन का महीना हो
मै तुझपे छाया हूँ झूले की तरह|
दो दीवारें एक जगह
दो दीवारें एक जगह पर मिलती थी
कहने को वो कोना,
ख़ाली कोना था…