दिल बङा रखें..
दुनिया तो वैसे भी
‘बहुत छोटी’ है…!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दिल बङा रखें..
दुनिया तो वैसे भी
‘बहुत छोटी’ है…!
मुझे भी कुछ गहरा सा..!!
.
.
ऐ बेवफा
.
.
जिसे कोई भी पढे., समझ बस तुम सको..!!
इश्क़ मे उनके जान देके, हम भी दिखा देते मगर,
तभी याद आया की, मोहब्बत तो अंधी होती
मौत से क्या डर मिनटों का खेल है
आफत तो ज़िन्दगी है बरसों चला करती है.
बार बार रफू करता रहता हूँ
जिन्दगी की जेब…
कम्बखत फिर भी निकल जाते हैं
खुशियों के कुछ लम्हें…
ज़िन्दगी में सारा झगड़ा ही
ख़्वाहिशों का है…..
ना तो किसी को गम चाहिए और,
ना ही किसी को कम चाहिए….!!!
जिंदगी की थकान में गुम हो गया,
वो अल्फाज़ जिसे “सुकून” कहते है…
Saas ko but, aur but ko devta karta hai ishk
Inteha ye hai ke bande ko Khuda karta hai ishk
मंजर भी बेनूर थे और फिजायें भी बेरंग थी ,
बस तुम याद आए और मौसम सुहाना हो गया..
मिलने लगे है रोज वो हमसे अजनबी बनकर ..
लगता है फिर से मोहब्बत का शौक चढा है…!!.
नयी हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती हैं
कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती हैं
जो जुर्म करते है इतने बुरे नहीं होते
सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती हैं