मेरे दर्द का जरा सा हिस्सा लेकर देखो।
सदियो तक शायरी करोगे जनाब।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मेरे दर्द का जरा सा हिस्सा लेकर देखो।
सदियो तक शायरी करोगे जनाब।
दिल भी न जाने किस किस तरह ठगता चला गया….
कोई अच्छा लगा और बस लगता चला गया…………
Hal to puch luu tera par darta hu aawaz se teri..
Jab jab suni he kambakt mahoobat hi hui he..
Hamse bhulaya nahi jaata ek uska pyaar,
log jigar vale hai, jo roj naya mahbub bana lete hai..
Usne chupke se meri aankho par hath rakhkar pucha batao kaun,
mai muskarakar dhire se bola “Meri zindagi”..
Silsila ye chahat ka dono taraf se tha,
vo meri jaan chahti thi aur mai jaan se jyaada use..
Badi barkat hai tere ishq mai, jab se hua hai, koi dusra dard nahi hota..
खनक उठें न पलकों पर कहीं जलते हुए आँसू,, तुम इतना याद मत आओ के सन्नाटा दुहाई दे..!
रोज़ वो ख़्वाबों में आते हैं गले मिलने को,
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है किस्मत मेरी…
शुक्र करो कि हम दर्द सहते हैं,
लिखते नहीं ।
वरना कागजों पर लफ़्ज़ों के जनाज़े उठते ॥