अज़ब माहौल है हमारे
मुल्क का…
मज़हब थोपा जाता है, इश्क रोका जाता है….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अज़ब माहौल है हमारे
मुल्क का…
मज़हब थोपा जाता है, इश्क रोका जाता है….
ऊसके जैसी कोई ओर
कैसे हो सकती है ,
और अब तो वो खुद अपने जैसी नहीं रही..
ये तेरा अकड़ तो दो
दिन की कहानी है ।
पर मेरा attitude तो खानदानी है।
वो अच्छे हैं ………….तो
हैं,
हमारा तो बुरा हाल कर रखा हैं…
जिस दिन मेरी मौत की
खबर मिलेगी तब लोग यही कहेंगे”
.
बन्दा कभी मिला तो नही था
लेकिन पोस्ट
अच्छी डालता था।।
दुनियादारी सिखा देती
हैं मक्कारियां,,,
वर्ना पैदा तो हर कोई साफ़ दिल ही होता है…
कब से
धुप सेंकने के बहाने छत पर हूँ,
पर वो बाल सुखाने नहीं आई अभी
तक।।।
बड़प्पन तो देखिये
उनका हमारी ग़लतियो पर हमी से
क्षमा मांगकर कर्ज़दार कर दिया
|
इस दुनिया
में हर शख्स ने रोज कुछ न कुछ नया माँगा खुदा से….
और….
एक मैं
हूँ जो कभी भी तेरे ख्यालों से आगे ही नहीं गया….iii
सुनो आज हम उदास हैं और उसकी वजह हमे भी पता नहीं हैं…