कोई ये कैसे बताये के वो तन्हा क्यों हैं
वो जो अपना था वो ही और किसी का क्यों हैं
यही दुनिया है तो फिर ऐसी ये दुनिया क्यों हैं
यही होता है तो आखिर यही होता क्यों हैं |
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रिश्ते कभी जिंदगी के साथ
रिश्ते कभी जिंदगी के साथ साथ नहीं चलते…
रिश्ते एक बार बनते हैं… फिर जिंदगी रिश्तो के साथ साथ चलती है… !
मेरे हिस्से की
मेरे हिस्से की दुनिया बनाई ही नहीं गई
तेरे नाम की साँसों के संग जी रहा हूँ मैं…
वो अकलमंद कभी
वो अकलमंद कभी जोश में नही आता,
गले तो लगता है,आगोश मे नही आता।
भूख रिश्तों को
भूख रिश्तों को भी लगती है,
प्यार कभी परोस कर तो देखिए।
सितम याद आ रहा है
सितम याद आ रहा है रह रहकर..
मोहब्बत में कितने ज़ालिम सा था वो….
रिश्ता जमीं से
रिश्ता जमीं से मेरा कभी टूटता नही
वो याद रहा मुझको मेरी हर उड़ान में !
अब अकेला नहीं
अब अकेला नहीं रहा मैं यारों मेरे साथ अब मेरी तन्हाई भी है…..
सबसे गिरी हुई चीज़
फायदा सबसे गिरी हुई चीज़ है,
लोग उठाते ही रहते हैं..!!
तमाम लोगों को
तमाम लोगों को अपनी अपनी मंजिल मिल चुकी,
कमबख्त हमारा दिल है, कि अब भी सफर में है।