मिल जाए मुझे सबकुछ” ये दुआ देकर चला गया..
और मुझे बस वो चाहिए था..
जो ये दुआ देकर चला गया…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मिल जाए मुझे सबकुछ” ये दुआ देकर चला गया..
और मुझे बस वो चाहिए था..
जो ये दुआ देकर चला गया…
अब इतना भी सादगी का ज़माना नहीं रहा
के तुम वक़्त गुज़ारो और हम प्यार समझें ।।।।।
जिन्होंने याद रखा उनको सलाम
जो भूल गए उनका शुक्रिया
बिछड़ने वाले तेरे लिए, एक “मशवरा” है ,
.
.
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कभी हमारा “ख्याल” आए, तो अपना
‘ख्याल’ रखना…..
जिन खिलौनों से खेलने की उम्र थी
उसकी……..
मैंने उन खिलौनों को उसे सड़क पर बेचता
पाया……!!!!!
कब्र को देख के ये रंज होता है दोस्त ,,
के इतनी सी जगह के लिए मरना पड़ा ..
यूँ तो गलत नही होते अंदाज चेहरो के ,,
लेकिन लोग वैसे भी नही होते जैसे नजर आते है .
मत पूछ वज़ह…तु पसंद हैं बेवज़ह…
अकसर हकीकत जानते हुए भी,
सहारा-ए-फसाना लिये जा रहे हैं …!
लाख समझाया के शक करती है दुनिया,
मगर ना गयी आदत मेरी मुस्कुरा के गुजरने की..