जुदाई हो अगर

जुदाई हो अगर लम्बी तो अपने रूठ जाते हैं….
बहुत ज्यादा परखने से भी रिश्ते टूट जाते हैं…

सुन कर ग़ज़ल

सुन कर ग़ज़ल मेरी,
वो अंदाज़ बदल कर बोले,

कोई छीनो कलम इससे,
ये तो जान ले रहा है..

दिल भी आज

दील भी आज मुझे ये कह कर डरा रहा है,
करो याद उसे वरना मै धड़कना छोड़ दूँगा !!