गया वो वक़्त जब परियों की कहानी हमें सुला देती थी*
अब एक परी का किस्सा हमें सोने नहीं देता रात भर…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
गया वो वक़्त जब परियों की कहानी हमें सुला देती थी*
अब एक परी का किस्सा हमें सोने नहीं देता रात भर…
कोई उन्हें भी नौकरी दे दो
दिल तोडने की डिग्री है उनके पास
मुझे फुर्सत से मिलो सब तुम्हे बताऊंगा
कौन कमज़र्फ है और कौन दुआ देता है!
अपने रिश्ते में कभी शक़ को न आने देना
ये बिना आग ही घर बार जला देता है!
फख्र इतना भी न कर दोस्त कभी सूरत पर
सेब को वक्त छुआरा भी बना देता है!
बात हुई थी समंदर के किनारे किनारे चलने की
बातों बातों में निगाहों के समंदर में डूब गयी..
आशिक़ी के पिंजरे से,।
कोई चिड़िया इधर नही आती
प्यासे जब भी पानी-पानी करते हैं।
दरिया वाले आना कानी करते है।।
दिल की कोरी किताब लाया हूँ, नर्म नाज़ुक गुलाब लाया हूँ ।
तुमने डर-डर के जो लिखे ही नहीं, उन खतों के जवाब लाया हूँ ॥
आजमाया है आज फिर हवाओं ने तो गिला कैसा..!
वो कौन सा दौर था जब आंधियो ने चिरागों के इम्तिहान ना लिए….!