तेरे पास जो है

तेरे पास जो है उसमें सबर कर,
उसकी कदर कर दीवाने…
यहाँ तो आसमां के पास भी
खुद की ज़मीन नहीं………….

इंसान इतना डरपोक है

कमाल है ना,
इंसान इतना डरपोक है की सपनो में भी डर जाता है..और
इतना निडर है की जब जागता है तो भगवान् से भी नहीं डरता है !!

मैं चलता रहा

मुझे मालूम था कि वो रास्ते कभी मेरी मंजिल तक नहीं जाते थे,
फिर भी मैं चलता रहा, क्यूँ कि उस राह में कुछ अपनों के घर भी आते थे…

तेरी याद से

तेरी याद से होती है मेरे दिन की शुरूआत …
फिर कैसे मैं कह दूँ कि मेरा दिन खराब है…॥