जवाब तो बहुत हैं

चलती हुई “कहानियों” के जवाब तो बहुत हैं मेरे पास…
लेकिन खत्म हुए “किस्सों” की खामोशी ही बेहतर है…

हम तो नादाँ है

हम तो नादाँ है, क्या समझेगें
उसूल – ए – मोहब्बत,
बस उसे चाहना था उसे चाहते हैं
और
उसे ही चाहेंगे !

मेरे पास सब कुछ

मुझे कुछ अफ़सोस नहीं कि मेरे पास सब कुछ
होना चाहिए
था ।मै तो उस वक़्त भी मुस्कुराता था जब मुझे
रोना चाहिए
था ।।

अगर जिन्दगी में

जिन्दगी की सच्चाई
अगर जिन्दगी में सुखी होना है तो,
अपने आप को किसी न किसी कार्य में व्यस्त रखिये,
क्योंकि व्यस्त व्यक्ति के पास दुखी होने का समय नहीं होता..

अपनी कश्ती पर

कभी डूबे हुओं को हमने
बिठाया था अपनी कश्ती पर
आज फिर हम को ही बोझ कहकर कश्ती से
उतारा गया.!!