कुछ इस कदर
जकड़ रखा है तन्हाईयों ने,
सांस भी लेते है, तो लगता खलल है……
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कुछ इस कदर
जकड़ रखा है तन्हाईयों ने,
सांस भी लेते है, तो लगता खलल है……
इश्क़ करोगे तो कमाओगे नाम तो हमते बटती नही खेरात में|
दुनिया मे
झूठे लोगों को बड़े हुनर आते हैं,
सच्चे लोग तो इल्ज़ाम से ही मर जाते
हैं..!!
Umra bhar likhte rahe fir
bhi warq sada raha…
…
Jane kya lafz the jo
humse kabhi tehreer naa huye…!!!
Woh ashq bhari ankhein, yeh dard
bhare naale..
Allah na dikhlaye jo waqt-e-sehar
dekha..!
Iss ishq ke hathon se hargiz na-mafar dekha..
Utni hi badhi hasrat jitna hi udhar dekha..!
Har lehza shaan-e-husn badalti rahi..
Har aan hum jahan-e-digar dekhty rahey..!
लफ्ज़ अल्फाज कागज कलम सब बेमानी हैं
तुम कहते रहो हम सुनते रहे
बस इतनी सी कहानी है !!!
ना मिला है, ना मिलेगा, ज़िन्दगी में आराम कहीं…
मैं हुँ बे-मन्ज़िल मुसाफ़िर…
सुबह कहीं शाम कहीं.
वो लोग जो औरों की ज़िंदगी के मसीहा हैं ,
हर रात टूटते हैं बेतरतीब ,
बिना शोर किये !