उसने मेरी तबियत क्या पूछ ली
मुझसे कसम से मेरी जान में जान सी आ गई
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
उसने मेरी तबियत क्या पूछ ली
मुझसे कसम से मेरी जान में जान सी आ गई
यूँ ही शौक़ है हमारा तो शायरी करना…
किसी की दुखती रग छू लूँ तो यारों माफ़ करना..!
वो आयने जो उन्हें कम पसंद करते है।।
वो जानते है उन्हें हम पसंद करते है ।
भले थे तो किसी ने हाल त़क नहीं पूछा,
बुरे बनते ही देखा,हर तरफ अपने ही चरचे हैं !!!
मुद्दतो बाद आज फिर,दिल हुआ परेशान…
जाने किस हाल में होगी,
मुझसे रुठने वाली मेरी जान
बस एक यही झिझक है हाल-ऐ-दिल सुनाने मे,
की तेरा जिक्र भी आयेगा इस फ़साने मे।।
हर किसी के नसीब में कहाँ लिखी हैं चाहतें,
कुछ लोग दुनिया में आते हैं सिर्फ तन्हाईयों के लिए…
महफ़िल उनकी जाम उनका
आँखे अपनी फिर सपना क्यों उनका .
न भूले हैं….न भूलेंगे कभी,,
बस नज़र-अंदाज़ करेंगे….उसे उसी की तरह
न जाने जिंदगी का…
ये कैसा दौर है…
इंसान खामोश हैं…
और ऑनलाइन कितना शोर है