किसी ने पुछा तुम क्या काम करते हो
हमने मुस्कुराकर कर कहा दिल जीतने का काम करते है
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
किसी ने पुछा तुम क्या काम करते हो
हमने मुस्कुराकर कर कहा दिल जीतने का काम करते है
ऐ जिन्दगी ना लगने देना इश्क की तलब ..
मै जीना चाहता हुँ भीड़ से अलग..
मेरी दूनियाँ हो तुम
और
मैं अपनी दुनियां में
मगन हूँ..!!
लिखी कुछ शायरी ऐसी तेरे नाम से….
कि जिसने तुम्हे देखा भी नही,
उसने भी तेरी तारीफ कर दी
जीने की तमन्ना तो बहुत हैं..!!
पर कोई आता ही नही जिंदगी में,जिंदगी बनकर
इतना ही गुरुर था तो मुकाबला इश्क का करती ऐ बेवफा
हुस्न पर क्या ईतराना जिसकी ओकात ही बिस्तर तक है ।
मेरी मंज़िल मेरी हद । बस तुमसे तुम तक ।।
ये फ़क्र है कि तुम मेरे हो । पर फ़िक्र है कि कब तक ।
ये गुलाबी ठंड, ये हसीन सुबह और उस पर तौबा तुम्हारी इतनी याद, सुनो..
कभी तो तुम भी यूँही हमसे मिलने चले आओ
पता नहीं क्या जादू है ।
” माँ ” के पेरो में जितना झुकता हूँ ।
उतना ही उपर जाता हूँ ।
इक बड़ी जंग लड़ रहा हूँ मैं.
हँस के तुझ से बिछड़ रहा हूँ मैं