दिल की हेराफेरी संभलकर कीजिये हुजूर..
अंजाम ऐ मोहब्बत जुर्म बड़ा संगीन होता है
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दिल की हेराफेरी संभलकर कीजिये हुजूर..
अंजाम ऐ मोहब्बत जुर्म बड़ा संगीन होता है
कभी राजी तो कभी मुझसे खफ़ा लगती है ………
जिंदगी तू ही बता , तू मेरी क्या लगती है
जिन्हे आना है वो खुद लौट आयेंगे तेरे पास ए दोस्त,बुलाने पर तो परिंदे भी गुरुर करते है अपनी उड़ान पर !!
चाँद भी झांकता है अब खिड़कियों से,मेरी तन्हाइयों का चर्चा अब आसमानों में है !!
तमन्ना बस इतनी है अफ़सोस हो तुम्हें..
छोड़ा है तुम ने बहुत आसानी से मुझे..
हम जिनसे प्यार करते है उनसे नाराज हो सकते है,
लेकिन नफ़रत कभी नहीं कर सकते !!
ना तोल मेरी मोहब्बत अपनी दिल लगीं से,
देख कर मेरी चाहत को तराजू टूट जाते हैं
नाज़ुक मिजाज है वो परी कुछ इस कदर..
पायल जो पहनी पाँव मै तो छम-छम से डर गई..
अब वहां यादों का बिखरा हुआ मलवा ही तो है..
जिस जगह इश्क ने बुनियादे-मका रखी थी..
बेनूर सी लगती है उससे बिछड़ के जिंदगी..
अब चिराग तो जलते है मगर उजाला नहीं करते..