यूँ ही वो दे रहा है क़त्ल कि धमकियाँ,
हम कौन सा ज़िंदा हैं जो मर जाएंगे…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
यूँ ही वो दे रहा है क़त्ल कि धमकियाँ,
हम कौन सा ज़िंदा हैं जो मर जाएंगे…
मैने रंग दिया हर पन्ना तेरे नाम से ….
मेरी किताबो से पूछ इश्क किसे कहते है …..
जिंदगी अब नहीं संवरेगी शायद..
तजुर्बेकार था.. उजाड़ने वाला…
आराम से तनहा कट रही थी तो अच्छी थी..
जिंदगी तू कहाँ दिल की बातों में आ गयी ।
झूठ बोलना अच्छा है…
यह बात कल मुझे सच ने रोकर बताई….
: तू कितनी रंगीन क्युं न हो ए जिन्दगी…
काले पीले दोस्तों के बगैर अच्छी नहीं लगती ….
तुझसे अच्छे तो जख्म हैं मेरे
उतनी ही तकलीफ देते हैं जितनी बर्दास्त कर सकूँ
कभी तो मेरी ख़ामोशी का मतलब खुद समझ लो….!
कब तक वजह पूछोगे अंजानो की
मेरे वजूद को दामन से झाड़ने वाले नासमझ,
जो तेरी आखिरी मंजिल है वो ही मिट्टी हूँ मैं…
जिंदगी अब नहीं संवरेगी शायद..तजुर्बेकार था.. उजाड़ने वाला…