काश एक ख़्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर,
तुम आ कर गले लगा लो मुझे,
मेरी इज़ाज़त के बगैर….!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
काश एक ख़्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर,
तुम आ कर गले लगा लो मुझे,
मेरी इज़ाज़त के बगैर….!!
आज फिर कुछ लोगों को बेगाना किया जायेगा,
आज फिर से मेरे दुश्मनो में इज़ाफ़ा होगा
दर्द बनकर ही रह जाओ हमारे साथ …
सुना है दर्द बहुत वक़्त तक साथ रहता है।
एक रस्म मोहब्बत में बनानी होगी,
छोड़ के जाए कोई भी शौक से,
मगर वज़ह एक दूसरे को बतानी होगी !
सारी रात गुज़र जाती है इन्ही हिसाबों में…
उसे मोहब्बत थी…? नहीं थी…? है…? नहीं है…
दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है
मिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है
अपनी नाराज़गी कि कोई वजह तो बताई होती,
हम ज़माने को छोड़ देते एक तुझे मनाने के लिए…
इतनी मतलबी हो गई हैं आँखें मेरी,
कि तेरे दीदार के बिना दुनिया अच्छी नहीं लगती..!!!
ज़िन्दगी तुझसे हर कदम पर समझौता करूँ,
शौक जीने का है मगर इतना भी नहीं।
जीने के आरजू में मरे जा रहे है लोग,
मरने के आरजू में जिया जा रहा हु में.