हम तो मशहुर थे

हम तो मशहुर थे अपनी तनहाइयों के लिए ,
मुद्तों बाद किसी ने पुकारा है,
एक पल तो हम रुक कर सोचने लगे,
कया यही नाम हमारा है ?

कदम रुक से गए

कदम रुक से गए आज फूलो को बिकता देख,
वो अक्सर कहा करते थे की प्यार फूलो जैसा होता हें…

वो तब भी थी

वो तब भी थी
अब भी है और
हमेशा रहेगी
ये मोहब्बत है ….
पढाई नही जो पूरी हो जाए…..

दिल की किताब में

दिल की किताब में गुलाब उनका था,
रात की नींद में ख्वाब उनका था,
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा,
मर जाएंगे तुम्हारे बिना ये जवाब उनका था…