हंसने पे भी आ जाते हैं आँखों में आंसु
कुछ लोग मुझे ऐसी दुआ दे कर गये हैं |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हंसने पे भी आ जाते हैं आँखों में आंसु
कुछ लोग मुझे ऐसी दुआ दे कर गये हैं |
पूरी दुनिया से जुदा सा है वो,
हम जिसे चाहते हैं खुदा सा है वो ।
बग़ैर पूछे मेरे सर में भर दिया मज़हब।
मैं रोकता भी तो कैसे कि मैं तो बच्चा था॥
हाथ गर खाली हो, तो ये ध्यान रखना …
घर जो लौटो, तो होठों पर मुस्कान रखना ..
कुछ ऐसी भी गुज़री हैं तेरे हिज्र में रातें
दिल दर्द से ख़ाली हो मगर नींद न आए
एक अरसे से मुयासिर ही नहीं है वो लफ्ज़ ,
जिसे लोग करार कहते हैं …!!
सहम उठते हैं कच्चे मकान पानी के खौफ़ से,
महलों की आरज़ू ये है कि बरसात तेज हो|
किसी भी मौसम मे खरीद लीजिये जनाब…
मोहब्बत के जख्म हमेशा ताजे ही मिलेगें…!
सवाल ज़हर का नहीं था
वो तो हम पी गए
तकलीफ लोगो को बहुत हुई
की फिर भी हम कैसे जी गए
इक चेहरा पड़ा मिला मुझे, रास्ते पर,
जरूर किरदार बदलते वक्त गिरा होगा