किसी भी मौसम मे खरीद लीजिये जनाब…
मोहब्बत के जख्म हमेशा ताजे ही मिलेगें…!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
किसी भी मौसम मे खरीद लीजिये जनाब…
मोहब्बत के जख्म हमेशा ताजे ही मिलेगें…!
यूँ ना हर बात पर जान हाजिर कीजिये,
लोग मतलबी हैं कहीं मांग ना बैठे…!!!
इक चेहरा पड़ा मिला मुझे, रास्ते पर,
जरूर किरदार बदलते वक्त गिरा होगा|
मुझे मजबूर करती हैं यादें तेरी वरना…
शायरी करना अब मुझे अच्छा नहीं लगता।
उसको मालूम कहाँ होगा, क्या ख़बर होगी,
वो मेरे दिल के टूटने से बेख़बर होगी,
वक़्त बीतेगा तो ये घाव भर भी जाएँगे,
पर ये थोड़ी सी तो तकलीफ़ उम्र भर होगी…
हम रोऐ भी …..तो वो जान ना सके….
और वो ….उदास भी हुऐ …..तो हमें खबर हो गई
हमारी इस अधूरी कहानी में वफ़ा के सबूत मत माँग मुझसे,
मैंने तेरी ख़ातिर वो आँसु भी बहाए है जो तेरी आखों में थे…
एक मुनासिब सा नाम रख दो तुम मेरा.., रोज़ ज़िन्दगी पूछती है रिश्ता तेरा मेरा|
जाने क्या टूटा है पैमाना कि दिल है मेरा
बिखरे-बिखरे हैं खयालात मुझे होश नहीं
ये हादसा तो किसी दिन गुज़रने वाला था
मैं बच भी जाता तो इक रोज़ मरने वाला था|