जो मिलते हैं

जो मिलते हैं,
वो बिछड़ते भी हैं,
हम नादान थे…!!
एक शाम की, मुलाकात को,
जिंदगी समझ बैठे…!!

कुछ अजीब सा

कुछ अजीब सा रिश्ता है उसके और मेरे दरमियां;
ना नफरत की वजह मिल रही है ना मोहब्बत का सिला..!

मंजूर है तेरे

मंजूर है तेरे हर फैसले, दूर जाने की वजह.. कि मजबूरी होगी कोई तेरी,
आँसू पोंछ ले पगली, मैने कब कहा तेरी बात पर यकीऩ नहीं…