जो मिलते हैं,
वो बिछड़ते भी हैं,
हम नादान थे…!!
एक शाम की, मुलाकात को,
जिंदगी समझ बैठे…!!
Tag: WhatsApp
बेचैन निकलने को है
बेचैन निकलने को है, हसरत का जनाज़ा ।
है आखिरी मौक़ा, तुझे आना है तो आजा ।।
काश के वो लौट आये
काश के वो लौट आये मुझसे ये कहने ,
की तुम कोन होते हो मुझसे बिछड़ने वाले ??
आज मैंने दिल के
आज मैंने दिल के जज्बात भेजे,
तुमने फिर भी अलफ़ाज़ ही समझे !!
कुछ अजीब सा
कुछ अजीब सा रिश्ता है उसके और मेरे दरमियां;
ना नफरत की वजह मिल रही है ना मोहब्बत का सिला..!
मंजूर है तेरे
मंजूर है तेरे हर फैसले, दूर जाने की वजह.. कि मजबूरी होगी कोई तेरी,
आँसू पोंछ ले पगली, मैने कब कहा तेरी बात पर यकीऩ नहीं…
लोग रहते हैं
लोग रहते हैं मकानों को महल बना कर,
और मेरा भगवान मिट्टी की मूरत में रहता है…
दर बदर पनाह को
दर बदर पनाह को भटकता है सच,
झूठ महलों में अठखेलियाँ करता है…
आज फिर उतनी ही
आज फिर उतनी ही मोहब्बत से बुलाओ ना,
कह दो मिलने का मन कर रहा है आओ ना।।
सभी के दामन में
सभी के दामन में दाग होते है,
ये सुनकर लोग नाराज क्यों होते है??