अजीब लोगोँ का बसेरा है तेरे शहर मेँ,
गुरूर मेँ मिट जाते हैँ मगर याद नहीँ करते…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अजीब लोगोँ का बसेरा है तेरे शहर मेँ,
गुरूर मेँ मिट जाते हैँ मगर याद नहीँ करते…
मैं वो हूँ जो कहता था की इश्क़ मे क्या रखा है..
आज कल एक हीर ने मुझे रांझा बना रखा है ..