चुप्पियां जिस दिन खबर हो जायेगी,
कई हस्तियां दर – ब – दर हो जायेगी
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
चुप्पियां जिस दिन खबर हो जायेगी,
कई हस्तियां दर – ब – दर हो जायेगी
जीभ में हड्डिया नहीं होती
फिर भी
जीभ हड्डियां तुड़वाने की
“ताक़त” रखती हैं..!!
किसी को कुछ देने की इच्छा हो तो आत्म-विश्वास जगाने वाला प्रोत्साहन सर्वोत्तम उपहार के रूप में दे|
कभी इनका हुआ हूँ मैं… कभी उनका हुआ हूँ मैं… खुद के लिए कोशिश नहीं की… मगर सबका हुआ हूँ मैं… मेरी हस्ती बहुत छोटी… मेरा रुतबा नहीं कुछ भी… लेकिन डूबते के लिए… सदा तिनका हुआ हूँ मै…
“नीचे गिरे सूखे पत्तों पर
अदब से ही चलना ज़रा
कभी कड़ी धूप में तुमने
इनसे ही पनाह माँगी थी।”
मैं थक गया था …
परवाह करते करते,
जब से ला-परवाह हुआ हूँ
आराम सा है..!!!
अपनी सूरत से जो जाहिर है छुपाये कैसे
तेरी मर्जी के मुताबिक नज़र आये कैसे
उंगलिया आज भी इस सोच में गुम है , उसने कैसे नए हाथ को थामा होगा.
सच कहा था किसी ने तन्हाई में जीना सीख लो ;मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो साथ छोड़ ही जाती है.
उसकी दर्द भरी आँखों ने, जिस जगह कहा था अलविदा,आज भी वही खड़ा है दिल, उसके आने के इंतज़ार में.