आ ज़ा फिर से

आ ज़ा फिर से मेरे ख्यालों में….कुछ बात करते हैं….

कल जहाँ खत्म हुई थी…वहीं से शुरुवात करते हैं…!!

उस देश में

उस देश में औरत का मरतबा

कैसे बुलंद हो सकता है,
जहाँ मरदों की लड़ाई में गालियां मां -बहन की दी
जाती है.!!

बचपन में जब

बचपन में जब चाहा हँस लेते थे,
जहाँ

चाहा रो सकते थे.
अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए,
अश्कों को तनहाई ..