दोस्तो समुंदर मे

तूफान दर्द का चला तो सवार जाऊंगा ,

मे तेरी जुल्फ नही जो यू बिखर जाऊंगा ,

यहा से उड़ूँगा तो ये ना पूछो के कहा जाऊंगा ,

मे तो दरिया हू दोस्तो समुंदर मे समा जाऊंगा .

मौसम फिर से

आज ये

मौसम फिर से करवा रहा है मुझसे शायरी…..!!
वरना इस दिल के

जज़्बातों को दबे तो ज़माना हो गया…..!!