रोज़ अपना सारथी

मैं खुद ही कृष्ण भी और खुद ही अर्जुन हूँ इस रण का, रोज़ अपना सारथी बनकर जीवन की महाभारत लड़ता हूँ

Mohabbat Na Karte Toh

Lambi Raat, Us Ka Intezaar, Aur Ye Neend Ka Bojh Hum Mohabbat Na Karte Toh Kab Ke So Chuke Hote !!

शख्सियत अच्छी होगी

शख्सियत अच्छी होगी तभी दुश्मन बनेंगे, वरना बुरे की तरफ देखता कौन है….

लफ्ज़ों में ज़िन्दगी

कितने कम लफ्ज़ों में ज़िन्दगी को बयान करूँ, चलो तुम्हारा नाम लेकर किस्सा ये तमाम करूँ…!

duniya ki bheer main

Tanha tha is duniya ki bheer main, Socha koi nahin mery taqdeer main, Aik din aap ne pyar ka hath barhaya, To laga kuch to khas tha hato ki lakeer main…

क्या मासूमियत है

ना जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर.. तेरे सामने आने से ज्यादा, तुझे छुपके देखना अच्छा लगता है ..

जॊ आँखॊं में

जॊ आँखॊं में देखकर ना समझ पाया प्यार, अब तुम ही बताओ उसे कैसे करु इजहार …॥

इतना भी प्यार

इतना भी प्यार किस काम का..भूलना भी चाहो तो नफरत की हद तक जाना पढ़े..!!

अपना कहने वाले

“जलने वालों” की दुआ से ही सारी बरकत है., वरना., अपना कहने वाले लोग तो याद भी नही करते..!!

जाने कभी गुलाब

जाने कभी गुलाब लगती हे जाने कभी शबाब लगती हे तेरी आखें ही हमें बहारों का ख्बाब लगती हे में पिए रहु या न पिए रहु, लड़खड़ाकर ही चलता हु क्योकि तेरी गली कि हवा ही मुझे शराब लगती हे

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