सोते हुए भी तेरा ज़िक्र करते हैँ……..!
मेरे होठ भी तेरी फिक्र करते हैँ……
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सोते हुए भी तेरा ज़िक्र करते हैँ……..!
मेरे होठ भी तेरी फिक्र करते हैँ……
बहुत तड़पा हूं खुदाया…
तेरे इक बन्दे के पीछे
ज़िन्दगी तस्वीर भी है और तकदीर भी!
फर्क तो रंगों का है!
मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर;
और अनजाने रंगों से बने तो तकदीर!!
या तो हमें मुकम्मल, चालाकियां सिखाई जाएं;
नहीं तो मासूमों की, अलग बस्तियां बसाई जाएं!
उसने फिर मेरा हाल पूछा है…
कितना मुश्किल सवाल पूछा है॥
कभी जी भर के बरसना…
कभी बूंद बूंद के लिए तरसना…
ऐ बारिश तेरी आदतें मेरे यार जैसी है…!!
रोशनी बहुत दूर तक जाएगी मेरी,
शर्त ये है कि सलीक़े से जलाओ मुझको……
गिरा ना पाओगे लाख चाहकर भी मेरी शख्सियत को,
मेरा कारवां मेरे चाहने वालों से चलता हैं न की नफरत करने वालों से…!!!
तेरी खामोशी अगर
तेरी मजबुरी है…
तो रहने दे इश्क
कौन सा जरूरी है..
तेरी मौहब्बत के कर्ज का,अब कैसे हिसाब हो….
तू गले लगाकर कहती है,आप बड़े खराब हो…