खिड़की के बाहर का मौसम बादल, बारिश और हवा…
खिड़की के अन्दर का मौसम आँसू, आहें और दुआ !
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
खिड़की के बाहर का मौसम बादल, बारिश और हवा…
खिड़की के अन्दर का मौसम आँसू, आहें और दुआ !
कहाँ मिलता है कभी कोई समझने वाला…
जो भी मिलता है समझा के चला जाता है…
फकीरों की मौज का क्या कहना साहब,
राज ए मुस्कराहट पूछा तो बोले सब आपकी मेहरबानी है !!
अजब तमाशे है दुनिया में यारों,
कोड़ीयो में इज्जत और करोड़ो में कपड़े बिकते है !!
ये जो ज़िन्दगी की किताब है
ये किताब भी क्या किताब है
कभी एक हसीन सा ख्वाब है
कभी जानलेवा अज़ाब है।
कोई ठुकरा दे तो हँसकर जी लेना,
क्यूँकि मोहब्बत की दुनिया में ज़बरदस्ती
नहीं होती|
सब सो गए अपना दर्द अपनो को सुना के,
मेरा भी कोई अपना होता तो मुझे भी नीद आ जाती…
सोचा ही नहीं था..
जिन्दगी में ऐसे भी फ़साने होगें…!!
रोना भी जरूरी होगा..
और आँसू भी छुपाने होगें…!!!
आँखें थक गई है शायद
आसमान को तकते तकते…,
वो तारा नहीं टुटता..
जिसे देखकर मैं तुम्हें माँग लूँ ….
तुम्हारी बेरुखी पर भी लुटा दी ज़िन्दगी हमने,
अगर तुम मेहरबां होती, हमारा हाल क्या होता….