यकीन था कि तुम भूल जाओगे मुझको,
खुशी है कि तुम उम्मीद पर खरे उतरे ….!!
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कोई कह दे
कोई कह दे उनसे जाकर की छत पे ना जाया करे .. . .
शहर मे बेवजह, ईद की तारीख बदल जाती है..!!
गुनगुनाने की कोशिश
मैं तेरी ही ग़ज़ल का
कोई शेर हूँ ए-ज़िंदगी
तू मुझे फिर से गुनगुनाने की
कोशिश तो कर…..
हार गयी तकदिर
कुछ हार गयी तकदिर, कुछ टूट गये सपने,
कुछ गैरो ने बरबाद किया, कुछ छोड़ गये अपने…!!
वो मुहब्बत कैसी
जो बेसब्र ना हो,
तो फिर वो मुहब्बत कैसी…..
कोई इल्जाम हो जैसे
सबको फिक्र है अपने आप को सही साबित करने की..!
ज़िन्दगी, जिन्दगी नहीं कोई इल्जाम हो जैसे..!!
सच्चे दिल से
सुनो.. इस दूनिया मेँ हर वो एक शख्स अकेला हैँ
जिसने सच्चे दिल से मोहब्बत की हैँ…!!
रात को सोते हुए
रात को सोते हुए एक बेवज़ह सा ख़याल आया….
सुबह न जाग पाऊँ तो क्या उसे ख़बर मिलेगी
कभी…..!
सौ गुना बेहतर है
तन्हाई’ सौ
गुना बेहतर है,
झुठे “वादों” से…!
झुठे “लोगों” से…!!
जो नही है
जो नही है
हमारे पास वो ” ख्वाब ” हैं,
पर जो है हमारे पास वो ” लाजवाब ” हैं…