दुनिया में बहुत कम लोग,
आपका दुःख समझते है बाकी तो सब कहानी सुनना
पसंद करते है.
Tag: Urdu Shayri
तुमसे मिलने की तलब
तुमसे मिलने की तलब, कुछ इस तरह लगी है “साहब”;
जिस तरह से कोई मयकश, मयखाने की तलाश करता है !!
ख़ुशी दे या गम दे दे
ख़ुशी दे या गम दे दे
मग़र देते रहा कर
तू उम्मीद है मेरी…
तेरी हर चीज़ अच्छी लगती है…
कब याद करते है
आज फिर बैठे है इक हिचकी के इंतज़ार में…!
पता तो चले वो हमें कब याद करते है …
मैं क्यों कहूँ उसे
मैं क्यों कहूँ उसे, कि मुझसे बात कर,
क्या उसे नहीं मालूम मेरा दिल नहीं लगता उसके बिना !
कोई तो खबर लो
कोई तो खबर लो मेरे दुश्मन- ए- जान की
कई रोज़ से मेरे आँगन में पत्थर क्यू नहीं आये
जब ख़ामोश आँखों से
जब ख़ामोश आँखों से बात होती है;
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है;
तुम्हारे ही ख्यालों में खोये रहते हैं;
पता नहीं कब दिन और कब रात होती है|
हमारी कद्र उनको होगी
हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो में एक दिन,
अभी तो बहुत लोग हैं उनके पास दिल्लगी करने को….!!
लिखते तो खूब हो
कमाल का ताना दिया आज किसी ने मुझे….
की लिखते तो खूब हो कभी समझा भी दिया करो…
खुशबु से भर गया
सारा बदन अजीब से खुशबु से भर गया
शायद तेरा ख्याल हदों से गुजर गया |