अब सज़ा दे

अब सज़ा दे ही चुके हो तो मेरा हाल ना पूछना,
गर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा…

क्या खुब जवाब था

क्या खुब जवाब था एक बेटि का
जब उससे पुछा गया की तेरी दुनिया
कहा से शुरू होती है कहा पर खत्म..

बेटि का जवाब था..

मा की कोख से शुरू होकर,
पिता के चरणो से गुजर कर,
पती की खुशी के गलियो से होकर,
बच्चो के सपनो को पुरा करने तक खत्म..

न “माँग” कुछ

न “माँग” कुछ “जमाने” से
” ये” देकर “फिर” “सुनाते” हैं

“किया” “एहसान” “जो” एक “बार”
वो “लाख” बार “जताते” “हैं”

“है” “जिनके” पास “कुछ” “दौलत”
” समझते” हैं “खुदा” हैं “हम”

“ऐ” “बन्दे” तू “माँग” “अपने””अल्लाह” से
“जहाँ” माँगने “वो” भी “जाते” है..